स्टेफी ग्राफ को पैसे भेजता था फैन, मोनिका सेलेस ने हराया तो मार दिया चाकू....

नई दिल्ली. स्टेफी ग्राफ 1980-90 दशक की सबसे कामयाब खिलाड़ी. जितने दीवाने उनके खेल के, उतने ही खूबसूरती के. लेकिन दीवाना कब सिरफरा हो जाए यह कोई नहीं जानता. स्टेफी ग्राफ को भी कहां पता था कि उनका जो फैन उन्हें नेकलेस के लिए पैसे भेजता है, वह एक दिन उनकी हार पर इतना खफा होगा कि जीतने वाली मोनिका सेलेस को कोर्ट में उतरकर चाकू मार देगा. यह वाक्या है 1993 का, जो हैम्बर्ग में घटा था. आज बात खेलजगत के इसी बदनाम और दर्दनाक दास्तां की. जर्मनी की स्टेफी ग्राफ ने 1988 में चारों ग्रैंडस्लैम खिताब जीते और ओलंपिक को गोल्ड भी अपने नाम किया. इस तरह उन्होंने 1988 में गोल्डन ग्रैंडस्लैम अपने नाम किया. यह ऐसी उपलब्धि है, जो ना तो स्टेफी ग्राफ से पहले किसी ने हासिल की थी और ना ही उनके बाद. कोई शक नहीं कि जर्मनी से लेकर पूरी दुनिया में स्टेफी के फैंस करोड़ों में थी. इन्हीं करोड़ों फैंस में से एक था गुएंटर पार्शे. गुएंटर पार्शे स्टेफी ग्राफ को अक्सर चिट्ठी लिखता. उसने एक इंटरव्यू में बताया कि वह साल में एक या दो पत्र स्टेफी को जरूर लिखता. कई बार कुछ पैसे भी भी भेजता. एक बार पार्शे ने 185 डॉलर भेजे और लिखा कि वह इससे एक नेकलेस ले लें. वह अपनी पसंदीदा खिलाड़ी को कभी हारते नहीं देखना चाहता था. लेकिन 1990 में उसकी आंखों के सामने मोनिका सेलेस ने स्टेफी ग्राफ को जर्मन ओपन में हरा दिया. इसके साथ ही स्टेफी का टूर्नामेंट में लगातार 66 जीत का सिलसिला थम गया. स्टेफी तो इस हार से आगे बढ़ गईं, लेकिन गुएंटर वहीं थमा रह गया. वह मोनिका से बदला लेने के मौके ढूंढ़ने लगा. साल 1993 में जर्मनी में ही हैम्बर्ग ओपन में स्टेफी ग्राफ और मोनिका सेलेस का मुकाबला हुआ. सारे दर्शक इस बेहतरीन मुकाबले को देखने पहुंचे, लेकिन एक का इरादा कुछ और था. वह चाकू लेकर कोर्ट पहुंचा. अभी मैच चल ही रहा था कि वह अचानक कोर्ट में कूदा और जब तक किसी को कुछ समझ आता तब तक मोनिका सेलेस की पीठ पर चाकू घोंप दिया. कुछ दर्शकों और सुरक्षाकर्मियों ने गुएंटर को तुरंत पकड़ लिया लेकिन तब तक मोनिका लहूलुहान हो चुकी थीं. उनकी यह चोट तो फिर भी कुछ महीनों में भर गई लेकिन इस खिलाड़ी का रिदम फिर कभी नहीं लौटा. मोनिका सेलेस कोर्ट में जरूर लौटीं लेकिन उनका जो जलवा 1991 से 1993 के बीच था, वह नहीं लौटा. सेलेस ने चोट से लौटने के बाद एक ग्रैंडस्लैम खिताब भी जीता लेकिन जिसने भी उनका खेल देखा, उसने कहा कि वह अपने पुराने खेल से कोसों दूर हैं. इस तरह एक सिरफरे ने महान खिलाड़ी का करियर खत्म कर दिया. सेलेस के करियर के खत्म होने पर मार्टिना नवरातिलोवा ने कहा, ‘इस आदमी ने टेनिस का इतिहास बदल दिया. मुझे कोई संदेह नहीं कि मोनिका बहुत कुछ जीत सकती थीं.’ मोनिका सेलेस ने कुल 9 ग्रैंडस्लैम खिताब जीते. इनमें से 8 खिताब उन्होंने चोट से पहले जीते. मोनिका सेलेस का करियर खत्म करने वाले गुएंटर पार्शे पर मुकदमा चला. उसने कोर्ट को बताया कि वह यह सोच भी नहीं सकता था कि कोई स्टेफी को हरा सकता है. इसीलिए जब मोनिका ने ऐसा किया तो वह बेकाबू हो गया. इसीलिए वह सेलेस को इतना चोट पहुंचाना चाहता था कि वह लंबे समय तक टेनिस न खेल सके.’ पार्शे को अपने अपराध की सजा मिली. उसने अपना बाकी जीवन जर्मनी के नॉर्डहाउसन गांव के एक नर्सिंग होम के एक कमरे में बिताया. साल 2022 में उसकी मौत हो गई. Tags: Sports news, Tennis NewsFIRST PUBLISHED : December 24, 2024, 19:19 IST Soochna Network India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें

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